श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में शुक्रवार देर रात नौगाम पुलिस स्टेशन के पास एक शक्तिशाली विस्फोट हुआ, जिसने पूरे इलाके में दहशत फैला दी। इस भीषण हादसे में कम से कम 7 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 30 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं। मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है।
विस्फोट की तीव्रता इतनी भयावह थी कि:
पुलिस स्टेशन की इमारत का एक बड़ा हिस्सा ढह गया।
परिसर में खड़े कई वाहन जलकर खाक हो गए।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, शवों के अवशेष 300 फीट दूर तक बिखर गए थे।
आसपास के कई घरों की खिड़कियां टूट गईं।
रात के अंधेरे में अफरा-तफरी का माहौल
धमाका देर रात हुआ, जिसकी गूँज कई किलोमीटर दूर तक सुनी गई। विस्फोट के तुरंत बाद आग की तेज लपटें उठीं और काले धुएं का गुबार आसमान तक फैल गया। दहशत में आए लोग घरों से बाहर निकलकर सुरक्षित स्थानों की ओर भागने लगे, जिससे इलाके में अफरा-तफरी मच गई।
पुलिस, SDRF (राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल) और फायर ब्रिगेड की टीमों ने तुरंत मौके पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्य शुरू किया। घायलों को नज़दीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
FSL टीम जांच में जुटी, टेरर मॉड्यूल से जुड़ा है कनेक्शन
धमाके के कारणों की जांच के लिए FSL (फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी) की टीम घटनास्थल पर पहुँच गई है और अहम साक्ष्य जुटा रही है। पुलिस CCTV फुटेज की भी गहन छानबीन कर रही है।
प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि विस्फोट उसी पुलिस स्टेशन के भीतर हुआ, जो हाल ही में एक बड़े 'व्हाइट-कॉलर टेरर मॉड्यूल' की जांच का केंद्र था। इसी मॉड्यूल से जुड़े मामले में फरीदाबाद से 360 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट जैसे विस्फोटक जब्त किए गए थे।
IED विस्फोट का शक, PAFF ने ली जिम्मेदारी
जांच एजेंसियों को शक है कि विस्फोट पुलिस स्टेशन परिसर में जब्त की गई एक कार में लगाए गए IED (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) के कारण हुआ, जिसने थाने में रखे बड़े विस्फोटक भंडार को भी उड़ा दिया।
सूत्रों के अनुसार, जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े शैडो आतंकी संगठन PAFF (People’s Anti-Fascist Front) ने इस हमले की जिम्मेदारी लेने का दावा किया है। पुलिस अब इस मामले को आतंकवादी साजिश के रूप में देखते हुए जांच को तेज कर रही है।







